मेरे पिता
हँसते हुए जो अपने दुःख छुपाता है ,वो पिता है,
अपने बच्चो की एक मुस्कराहट के लिए हर दम मुस्कुराता है ,वह पिता है,
बच्चो की एक ख्वाइश को पूरी करने के लिए ,दिन-रात मेहनत करता है,वह पिता है,
सर पे जब माँ का हाथ अच्छा लगता है, तोह कंधे पे भी हाथ पिता का है,
खुद को जब अकेला महसूस किया करता था उस अकेलापन में साथ पिता का है ,
आज इस दुनिया से वाकिफ हुआ तोह वो ज़रया पिता है,
अपने हातों में लेकर घुमा जो हर गली वो साथ पिता का है,
आज लिखते हुए हाथ रूक गए और आँखे नम है,तोह बस वो याद पिता है.
dedicated too all father
in memories
NISHIT YOGENDRA LODHA
हँसते हुए जो अपने दुःख छुपाता है ,वो पिता है,
अपने बच्चो की एक मुस्कराहट के लिए हर दम मुस्कुराता है ,वह पिता है,
बच्चो की एक ख्वाइश को पूरी करने के लिए ,दिन-रात मेहनत करता है,वह पिता है,
सर पे जब माँ का हाथ अच्छा लगता है, तोह कंधे पे भी हाथ पिता का है,
खुद को जब अकेला महसूस किया करता था उस अकेलापन में साथ पिता का है ,
आज इस दुनिया से वाकिफ हुआ तोह वो ज़रया पिता है,
अपने हातों में लेकर घुमा जो हर गली वो साथ पिता का है,
आज लिखते हुए हाथ रूक गए और आँखे नम है,तोह बस वो याद पिता है.
dedicated too all father
in memories
NISHIT YOGENDRA LODHA
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