दिल शायराना होगया
मुझे मेरे सपनो में रहने दो,
मेरी हसरतो में जीने दो ,
मुझे मेरे होश में न लाना ,
चलो मुझे थोड़ा और पीने दो,
आशिक़ी का घुट लगा के बेहटा हु ,
मोहबतो का सुर बिठाए बेहटा हु,
देखो अभी तो सिर्फ ताल जमे है,
साज़ और सरगम में आवाज़ लगाए बेहटा हु।
निशित लोढ़ा
मुझे मेरे सपनो में रहने दो,
मेरी हसरतो में जीने दो ,
मुझे मेरे होश में न लाना ,
चलो मुझे थोड़ा और पीने दो,
आशिक़ी का घुट लगा के बेहटा हु ,
मोहबतो का सुर बिठाए बेहटा हु,
देखो अभी तो सिर्फ ताल जमे है,
साज़ और सरगम में आवाज़ लगाए बेहटा हु।
निशित लोढ़ा