शायरी
मुश्किलों से अक्सर हम मिला करते है ,
कोशिश उनसे निकलने की हर वक़्त किया करते है ,
देखा है ज़िन्दगी में ऐसा दौर भी ,
जिस मोड़ पे हम मर के जीते ,और जी के मरा करते है।
लाख कोशिश कर लो मुझे हराने की ,
में जीत के निकलुंगा मैंने ठानी है ,
कोशिश करुगा हर वक़्त में चाहे वक़्त ही न हो मेरा ,
साँसे लेता रहूगा शायद यही ज़िंदगानी है।
निशित लोढ़ा
मुश्किलों से अक्सर हम मिला करते है ,
कोशिश उनसे निकलने की हर वक़्त किया करते है ,
देखा है ज़िन्दगी में ऐसा दौर भी ,
जिस मोड़ पे हम मर के जीते ,और जी के मरा करते है।
लाख कोशिश कर लो मुझे हराने की ,
में जीत के निकलुंगा मैंने ठानी है ,
कोशिश करुगा हर वक़्त में चाहे वक़्त ही न हो मेरा ,
साँसे लेता रहूगा शायद यही ज़िंदगानी है।
निशित लोढ़ा
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