ज़िन्दगी के कुछ पन्ने
शब्दों से गहरा अपना एक जहान है ,
उड़ता फिसलता मेरा एक आसमां है,
अनगिनत ख्वाइशे और अरमान है दिल में ,
और उससे पूरा करने का जज़्बा है,
मुश्किलें है ,तकलीफे भी है इस दुनिया में ,
पर है तो सपनो का बलखता कारवाह है ,
मुसाफिर हु,अपनी तकदीर का ,
लिखता कहानी मन की और देखता खुला आसमान है,
यह शब्द ,यादें,बातें,ख्वाइशें,है मेरी,
जो पाया इसमें अपना और जो न पाया
उसमे जीता मेरा समा है।
कवि निशित लोढ़ा
शब्दों से गहरा अपना एक जहान है ,
उड़ता फिसलता मेरा एक आसमां है,
अनगिनत ख्वाइशे और अरमान है दिल में ,
और उससे पूरा करने का जज़्बा है,
मुश्किलें है ,तकलीफे भी है इस दुनिया में ,
पर है तो सपनो का बलखता कारवाह है ,
मुसाफिर हु,अपनी तकदीर का ,
लिखता कहानी मन की और देखता खुला आसमान है,
यह शब्द ,यादें,बातें,ख्वाइशें,है मेरी,
जो पाया इसमें अपना और जो न पाया
उसमे जीता मेरा समा है।
कवि निशित लोढ़ा
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