Friday 21 April 2017

लगा कोई अपना भी होगा

       लगा कोई अपना भी होगा 

सपनो के जहान में एक जहां अपना भी होगा,
कोई दीवाना बन अफसाना होगा कही तो वो अपना भी होगा,

मोहबत कर लेगें उस दिन,जिस दिन बेगाना कोई अपना भी होगा,
मुस्कुराते हुए मेहकेगें हम भी जब कोई सपना अपना भी होगा ,

लिखेंगे याद में उनकी,तस्वीर गले से लगा लेंगे ,
आइना देख युही  हसेंगे ,जब प्यारासा लगे कोई अपना भी होगा ,

हम मोहबत के राहगीर तो नहीं ,पर दिल-ऐ-आम कही अपना भी होगा,
जब लोग युही हसेंगे हम पे ,आशिकी देख हमारी ,पर लगा जब दिल-ऐ-जाम कोई अपना भी होगा ,

मेह्खाने मेहकेगे याद में उनकी ,जब मोहबत में नाम अपना भी होगा,
मेरी बातें सुन आशिक न समझना ऐ दोस्त ,ये प्यार में जंग कही अपना भी होगा,

ये कहानी है दिल ऐ दर्द की ,फिर इन बातों में कोई अपना भी होगा ,
 चल मोहबत ऐ दर्द में कुछ अश्क़ बहाये,देखे कही कोई तो अपना भी होगा।


निशित लोढ़ा