माफ़ करना
कुछ कहे कभी दिल दुखाया तो माफ़ करना ,
दर्द दिल को कभी पहुंचाया तो माफ़ करना ,
हसरत तो नहीं हमारी , देने को कोई गम की ,
पर आँखों को कभी रुलाया तो माफ़ करना ,
बोल जाते है कुछ शब्द आग़ोश में ,
उन् शब्दों को दिल से लगाया तो माफ़ करना ,
अरमान बहुत है रब तुझसे ,इबादत करना ,
उस वक़्त में गुस्ताख़ ऐ दिल आज़माया तो माफ़ करना ,
मुमकिन नहीं मिलना हर चाह ज़िन्दगी की,
पर कोशिश ही न करू में, तो खुदा तू माफ़ करना ,
नूर बसा है इन आंखों में उनके नाम का ,
उन्हें भुला न पाऊं ऐ ज़िन्दगी तो माफ़ करना,
यादों में रहोगे तुम ये बात याद रखना,
कभी मिल न पाऊ में फिर अगर तो खुदगर्ज़ ही सही माफ़ करना।
निशित लोढ़ा
कुछ कहे कभी दिल दुखाया तो माफ़ करना ,
दर्द दिल को कभी पहुंचाया तो माफ़ करना ,
हसरत तो नहीं हमारी , देने को कोई गम की ,
पर आँखों को कभी रुलाया तो माफ़ करना ,
बोल जाते है कुछ शब्द आग़ोश में ,
उन् शब्दों को दिल से लगाया तो माफ़ करना ,
अरमान बहुत है रब तुझसे ,इबादत करना ,
उस वक़्त में गुस्ताख़ ऐ दिल आज़माया तो माफ़ करना ,
मुमकिन नहीं मिलना हर चाह ज़िन्दगी की,
पर कोशिश ही न करू में, तो खुदा तू माफ़ करना ,
नूर बसा है इन आंखों में उनके नाम का ,
उन्हें भुला न पाऊं ऐ ज़िन्दगी तो माफ़ करना,
यादों में रहोगे तुम ये बात याद रखना,
कभी मिल न पाऊ में फिर अगर तो खुदगर्ज़ ही सही माफ़ करना।
निशित लोढ़ा
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