KAVI SHAYAR (Nishit Lodha)
ये शब्दों के सौदागर
Wednesday, 25 December 2019
कैसे
कैसे
जल गए जो सपने अपने ,
प्यास उसकी बुझाये कैसे,
दर्द दिल में था जिसका,
मरहम बताओ लगाए कैसे ,
शब्द कम पड़ गए जहा ,
लफ्ज़ो को रिझाये कैसे ,
बीते पल यादे थी,
आज ज़िन्दगी बिताये कैसे ,
में कल जो था ,वो आज नहीं ,
कोई बताये ,की अब खुद को बनाये कैसे।।
निश
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