KAVI SHAYAR (Nishit Lodha)
ये शब्दों के सौदागर
Thursday, 17 March 2016
वक़्त
वक़्त
कोई मुझे वक़्त दे देता, तो उनसे थोड़ी बात कर लेता ,
अपने बीते हर पल को उनके साथ कर देता,
बस याद कर लेता उन्हें में अपनी यादें बना कर,
फिर थोड़ा वक़्त मिल जाता तो शायद उनके साथ चल देता।
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