मत पूछो
अब ज़िकर न करेंगे हम उनका ,
आप हमसे हमारी कैफियत न पूछो ,
इन्तेहां जो ली उन्होंने ,
उस इश्क़ का मज़हब न पूछो ,
दर्द -ऐ- दिलो का, जो हुआ कभी ,
उस दर्द का ,हमसे यु मर्ज़ न पूछो ,
उनके किरदार, जो है ज़िन्दगी में ,
अब उस कला का,हमसे क़र्ज़ न पूछो ,
मतलब की, इस दुनिया में ,
हमसे हमरा, फ़र्ज़ न पूछो ,
लिख देता हु जो चंद लफ्ज़ दिल के ,
उस मन से उसका मल न पूछो
होती है कहानी सबकी ,
हर लफ्ज़ का मतलब न पूछो ,
ये अलफ़ाज़ ,निकले जो "निश" के,
उन शब्दों ,में छुपा, बस कभी दर्द न पूछो।
निश
अब ज़िकर न करेंगे हम उनका ,
आप हमसे हमारी कैफियत न पूछो ,
इन्तेहां जो ली उन्होंने ,
उस इश्क़ का मज़हब न पूछो ,
दर्द -ऐ- दिलो का, जो हुआ कभी ,
उस दर्द का ,हमसे यु मर्ज़ न पूछो ,
उनके किरदार, जो है ज़िन्दगी में ,
अब उस कला का,हमसे क़र्ज़ न पूछो ,
मतलब की, इस दुनिया में ,
हमसे हमरा, फ़र्ज़ न पूछो ,
लिख देता हु जो चंद लफ्ज़ दिल के ,
उस मन से उसका मल न पूछो
होती है कहानी सबकी ,
हर लफ्ज़ का मतलब न पूछो ,
ये अलफ़ाज़ ,निकले जो "निश" के,
उन शब्दों ,में छुपा, बस कभी दर्द न पूछो।
निश
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