Thursday 15 August 2019

मत पूछो

मत पूछो


अब ज़िकर न करेंगे हम उनका ,
आप हमसे हमारी कैफियत न पूछो ,

इन्तेहां जो ली उन्होंने ,
उस इश्क़ का मज़हब न पूछो ,

दर्द -ऐ- दिलो का, जो हुआ कभी  ,
उस दर्द का ,हमसे यु मर्ज़ न पूछो ,

उनके किरदार, जो है ज़िन्दगी में ,
अब उस कला का,हमसे क़र्ज़ न पूछो ,

मतलब की, इस दुनिया में ,
हमसे हमरा, फ़र्ज़ न पूछो ,

लिख देता हु जो चंद लफ्ज़ दिल के ,
उस मन से उसका मल न पूछो

होती है कहानी सबकी ,
हर लफ्ज़ का मतलब न पूछो ,

ये अलफ़ाज़ ,निकले जो "निश" के,
उन शब्दों ,में छुपा, बस कभी दर्द न पूछो।


निश 

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