में अब भी तुम्हे याद हु
जहा भुला चुके तुम हर बात हमारी ,
उन वादों में कही,क्या में अब भी याद हु ,
जहा टूटा हुआ हु,दिल से में ,
उस दर्द में क्या,में अब भी याद हु ,
बेशक भुला दिया तुमने ,फिर ये याद कैसी,
जिस याद में ज़िक्र किसी और का ,उस याद में क्या में अब भी याद हु,
वो पल बीत गए,वो यादें भी सिमट गयी ,
हर बात वादों की ,कोई बात ऐसी हो ,
कि कही ,
ज़िकर हो जाये कि,में अब भी याद हु ,
लो फिर चले गए अब तुम,
अब इंतज़ार में है फिर हम ,
बता दो न हमे ,कि "निश "नाम से ,क्या में अब भी याद हु।
" निश "
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