मन करता है
कुछ नग्मे लिखने का मन करता है ,
तेरे संग इस बारिश में, अब भीगने का मन करता है,
हवाओ का रुख तो मुझे मालूम नहीं ,
पर तेरी इन उड़ती ज़ुल्फो में,फिर खोने का दिल करता है,
ये बादल भी अब बिजली खडका उठे ,
शायद तेरी तस्वीर लेने का उसका भी मन करता है ,
अब थाम लिया है ,मेने हाथ जो तेरा ,
अब तुझसे दूर न होने का कोई मन करता है ,
इस दिल की ख्वाइश में बस तू है ,
तो इस दिल को अब कहा रोने का मन करता है ,
चल भीग लेते है इस मौसम में ,
अब जीने को फिर ,थोड़ा मन करता है।
निष्
कुछ नग्मे लिखने का मन करता है ,
तेरे संग इस बारिश में, अब भीगने का मन करता है,
हवाओ का रुख तो मुझे मालूम नहीं ,
पर तेरी इन उड़ती ज़ुल्फो में,फिर खोने का दिल करता है,
ये बादल भी अब बिजली खडका उठे ,
शायद तेरी तस्वीर लेने का उसका भी मन करता है ,
अब थाम लिया है ,मेने हाथ जो तेरा ,
अब तुझसे दूर न होने का कोई मन करता है ,
इस दिल की ख्वाइश में बस तू है ,
तो इस दिल को अब कहा रोने का मन करता है ,
चल भीग लेते है इस मौसम में ,
अब जीने को फिर ,थोड़ा मन करता है।
निष्
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ReplyDeleteबहुत ही प्यारा लिखा है💕❤️
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