Tuesday 21 May 2019

कुछ यादें है


कुछ यादें है 

चंद शब्दो से ज़िक्र कर लेते है,
हम बिन कोई लफ्ज़ के उनकी फ़िक्र कर लेते है,

वो भूल जाते है बातें हमारी,
हम उनकी कही हर बात बेफिक्र सून लेते है,

नुमाइश बहुत है जनाब उनकी,
हम उनकी हर ख्वाइश को बेपरवाह इस दिल मे बुन लेते है,

नज़र में शायद बुरे है अब हम उनके,
पर हमारी मोहबत में नाम अब भी उनका चुन लेते है।

निश 

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