जबसे गए हो आप यू छोड़के,
अनजान रास्तो पे, तब से,न जाने क्यों, आप याद बहुत आते हो,
ज़्यादा समझा तो नही हु दुनियादारी में,
कोशिश करता हु सीखने की,
आपके सीखाई बातों के सहारे,
उस वक़्त आप याद बहुत आते हो,
ठोकरे खा लेता हूं , दर्द भी होता है मुझे,
वो लड़-खड़ाते वक़्त ,जब आप मुझे पकड़ लेते थे उस वक़्त,
उस पल में आप याद बहुत आते हो,
चहेरे तो देखे कहा थे,आप जो थे हाथ थामने को,
अब चहेरे ले घूमता हु,इन लाखो अनजान चहेरों के बीच,पहचानूँ कैसे,
उस वक़्त में मुझे आप याद बहुत आते हो,
अकेला हो गया हु बहुत,आपके जाने के बाद,जानता हूं,
देखते होंगे आप भी मुझे,बस ऐसे ही साथ रहना,
क्योंकि हर पल में आप मुझे याद बहुत आते हो।
"निश"
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