एक अरसा हुआ
ख्वाबो में खोये ,दिल के ताबूत में,
एक तस्वीर है छुपी हुई ,एक अरसा हुआ,
शायद वो भुला चुके ,आंसू गम के सूखा चुके,
वो बात मन की ,अब याद कहा ,उस बात को अब एक अरसा हुआ,
हमे तो पल पल याद है,उनकी कही हर बात वो ,
वो तो वादें भुला बैठे ,हम भुला न सके ,इस बात को एक अरसा हुआ ,
लो एक साल और बीत गया ,हम अब भी है वहा खड़े ,
किनारो पे बैठे है ,उफ़ ,लगता है शायद फिर एक अरसा हुआ।
निश
ख्वाबो में खोये ,दिल के ताबूत में,
एक तस्वीर है छुपी हुई ,एक अरसा हुआ,
शायद वो भुला चुके ,आंसू गम के सूखा चुके,
वो बात मन की ,अब याद कहा ,उस बात को अब एक अरसा हुआ,
हमे तो पल पल याद है,उनकी कही हर बात वो ,
वो तो वादें भुला बैठे ,हम भुला न सके ,इस बात को एक अरसा हुआ ,
लो एक साल और बीत गया ,हम अब भी है वहा खड़े ,
किनारो पे बैठे है ,उफ़ ,लगता है शायद फिर एक अरसा हुआ।
निश
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