Thursday 16 May 2019

मन करता है

मन करता है 

कुछ नग्मे लिखने का मन करता है ,
तेरे संग इस बारिश में, अब भीगने का मन करता है,

हवाओ का रुख तो मुझे मालूम नहीं ,
पर तेरी इन उड़ती ज़ुल्फो में,फिर खोने का दिल करता है,

ये बादल भी अब बिजली खडका उठे ,
शायद तेरी तस्वीर लेने का उसका भी मन करता है ,

अब थाम लिया है ,मेने हाथ जो तेरा ,
अब तुझसे दूर न होने का कोई मन करता है ,

इस दिल की ख्वाइश में बस तू है ,
तो इस दिल को अब कहा रोने का मन करता है ,

चल भीग लेते है इस मौसम में ,
अब जीने को फिर ,थोड़ा मन करता है।

निष्

2 comments:

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  2. बहुत ही प्यारा लिखा है💕❤️

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