पिता की परछाई
वो हाथ जो पकड़ा आपने मेरे जन्म पर,
कभी न छोड़ा फिर कभी,
आप वो परछाई हो पापा,
में अकेला हु जहा,
पीछे साथ कभी न छोड़ा आपने,
आप वो परछाई हो पापा,
उजालो में साथ चलते थे,
अंधेरो में उजाले कर गए मेरे ,
जीवन के उन कदमो में,
आप वो परछाई हो पापा,
में आपका बिम्ब अब भी देखता हूं खुदमे,
लोग कहते है ,में आप पे गया हूं,
पर में कभी आप सा न बन पाउगा,
में आपकी वो परछाई हु पापा,
कभी कभी बहुत याद आते हो,
देखो वादा था आपका ,
जो साथ कभी न छोड़ोगे,
बस आप वो परछाई हो पापा,
में आपका निश, आप मेरे योगी,
बस चंद शब्दो मे खत्म करता हु,
कहे कि में भी आपकी परछाई हु पापा।।
निश
...no word to praise this
ReplyDelete..
Nice one