Saturday 2 January 2016

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी हँस कर बीताना सीखो,

बचपन खुद का बनाना सीखो,

दुनिया खेल लगेगी उस दिन,


बस जब आप मुस्कुराना सीखो।



ज़िन्दगी ढूँढने निकला एक दिन,

मोहब्त मिल गयी,मुस्कराहट मिल गयी,अपने मिल गए,बस फिर क्या 

वही अपनी एक खूबसूरत सी ज़िन्दगी मिल गयी।

निशित लोढ़ा

No comments:

Post a Comment