इश्क़ ऐ हमनवा
किस बात से हूँ में यूँ खफा
ख़ुद से नाराज ,आपने आप से ज़ुदा
नजर कहीं ,दिल कहीं ,
हाल ए बयान ना समझे कोई
वक्त का कतरा भी बह गया
उनकी आवाज़ की खनक
दिल में चुभ सी गयी
आज इन वादियों में
ढूँढे मेरा मन यही
मुझसे घड़ी भर मिल ले
ऐ मेरे हमनवा ,यूँ ही
किस बात से हूँ में यूँ खफा
ख़ुद से नाराज ,आपने आप से ज़ुदा
नजर कहीं ,दिल कहीं ,
हाल ए बयान ना समझे कोई
वक्त का कतरा भी बह गया
उनकी आवाज़ की खनक
दिल में चुभ सी गयी
आज इन वादियों में
ढूँढे मेरा मन यही
मुझसे घड़ी भर मिल ले
ऐ मेरे हमनवा ,यूँ ही
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